मत सुन क्या बोलती है ये दुनिया,
बस ढूंढ तू अपने अंदर की कमियां।
इन कमियों में तुझे सुधार लाना है,
एक दिन तुझे अपना नाम बनाना है।।
ये दुनिया तो चाँद में भी दाग निकाल लेती है,
और खुद के दाग को बेदाग कहा देती है।
तुझे इनके नजरियों को बदलना है,
एक दिन तुझे अपना नाम बनाना है।।
मत सोच क्या लिखा है तेरे मुकदर में,
बस ढूंढ तू हुनर अपने अंदर में।
तुझे उन हुनर को मजबूत बनाना है,
एक दिन तुझे अपना नाम बनाना है।।
तुझे अपना लक्ष्य तय करना है,
उस लक्ष्य पे निरंतर चलना है।
बिना रुके उस लक्ष्य को पाना है,
एक दिन तुझे अपना नाम बनाना है।।
तू तो आज सिर्फ एक कोयला है,
माना तू आपने घरवालों का लाड़ला है।
लेकिन सोना बनने के लिए खुद को आग में जलाना है,
एक दिन तुझे अपना नाम बनाना है।।
अभी तो तुझे खुद से लड़ना शुरू करना है,
खुद को खुद से रुबरु करना है।
अपने अंदर छुपी ताकत को जगाना है,
एक दिन तुझे अपना नाम बनाना है।।
आज से ही तुझे खुद में वदलाव लाना है,
निरंतर खड़ा हिमालय जैसा स्वाव लाना है।
खुद को इस दुनिया से अलग बनाना है,
एक दिन तुझे अपना नाम बनाना हैै।।
अभी से ही तुझे मोह माया हटाना है,
दुनिया की परवाह किये बिना लक्ष्य पाना है।
जिंदगी के सफर में हर मुसीबतों से लड़ना है,
एक दिन तुझे अपना नाम बनाना है।।
नितीश कुमार
Nitish Kumar
Really Inspiring Poem
ReplyDeleteThank you 🙏💕
DeleteVery good
ReplyDeleteYes. Thanks🙏
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