उसकी खूबसूरती |
उनके बारे में भी आज लिखना चाह है मैंने,
खूबसूरत चांद को कागज़ में समेटना चाह है मैंने।
लेकिन समझ नही आ रहा क्या लिखूं,?
उनकी नशीली आंखों के बारे में लिखूं?
या फिर लिखूं उनके वो घुंगराले बाल?
या लिखूं घायल कर देने वाली उनकी चाल।
उनकी आंखों का काजल भी कितना इतराता होगा,
खुद को इस जहां में सबसे खुशनसीब पाता होगा।
उनकी आँखों को वो प्यारा चश्मा और नशीला बनाता है,
उन्हें देख वो चांद भी खुद को कमजोर पाता है।
उनके वो प्यारे होठ और उसमें गुलाबी रंग,
उनके वो उलझे झुल्फे और उसका रेशम रंग।
छोटी सी चिंता में बच्चा बन पेन को मुंह चबाना,
चेहरे पे आए झुलफो को नादानी से पीछे करना।
यही छोटी छोटी अदायें तो हम जैसो को मार देती है,
रहे कहीं भी निगाये तो उन्ही की और मुड़ जाती है।
जिन खूबसूरती ने हमे पागल बनाया है,
देखो आज उन्हें यहां सजाया है।
अभी तो बहुत कुछ लिखना है,
लेकिन क्या करें? उन्हें दुनिया की नजरों से भी तो बचाना है।
नितीश कुमार
Nitish Kumar
Kon h wo jinpe aap pagal ho???
ReplyDeleteWo toh hume v nhi pta😂
DeleteNice bhai
ReplyDeleteThank you bhai 🙏💕
DeleteWahh..bohot khub!!
ReplyDeleteJi dhanyawad 🙏💕😘
DeleteLast line is awsm
ReplyDeleteThank you 🙏💕
DeleteBhaaai...kyaa kahene!!!!!
ReplyDeleteDil..choo liyaa....!!!
Tysm bhai 🙏💕
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