Thursday, November 19, 2020

छठ महा त्यौहार

Chhath Puja
Chhath Puja


उगते सूर्य की उपासना तो करे पूरा संसार,

डूबते सूर्य की उपासना करें सिर्फ बिहार।

ये है हमारे मिथिलांचल के संस्कार,

जिसके लिए हम रहते बेकरार।।

ये है हमारा छठ महा त्यौहार।।


डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर,

उगते सूर्य का करे इंतज़ार।

रात के घोर अंधकार में ही,

पहुच जाए घाट पर कर पूरा श्रृंगार।।

ये है हमारा छठ महा त्यौहार।।


वक़्त के साथ बदले है हर त्यौहार,

वक़्त ने बदले संस्कृति और संस्कार।

मगर छू ना पाया हमारा ये त्यौहार,

प्रकृति से ही है इसकी रौनक हर बार।।

ये है हमारा छठ महा त्यौहार।।


बर्षो से जो बेटे रहते बहार,

इस दिन मिलेंगे वो माँ के द्वार।

पूरे वर्ष कहीं भी रहे परिवार,

छठ पर्व पर एकत्रित होगा पूरा परिवार।।

ये है हमारा छठ महा त्यौहार।।


मिट्टी के चूल्हे हम बनाते,

शुद्धता का पूरा ध्यान है रखते।

गोबर से नीपते घर और द्वार,

हाथ से हाथ मिला काम करता पूरा परिवार।।

ये है हमारा छठ महा त्यौहार।।


छत पर गेहूं सुखाने से लेकर,

घाट तक दौरा उठाना नंगे पैर।

पोखर हो या हो नदियों की धार,

लगता हर वर्ष श्रद्धालुओं का अंबार।।

ये है हमारा छठ महा त्यौहार।।


Nitish Kumar

नितीश कुमार


जय छठी मैया🙏


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Wednesday, November 4, 2020

Baba Ka Dhaba

 

Baba Ka Dhaba

बचपन में सुदर्शन जी की एक कहानी पढ़ी थी "हार की जीत"। शायद आपने भी पढ़ी होगी। इसमें तीन पात्र होते है बाबा भारती, डाकू खड़ग सिंह और बाबा भारती का एक बहुत ताकतवर और सुंदर घोड़ा-'सुल्तान'। बाबा भारती को सुल्तान बहुत प्रिय होता है। एक दिन खड़ग सिंह बाबा भारती से मिलने उनकी कुटिया में आता है। बातों बातों  में अचानक उसकी नजर सुल्तान पर पड़ती है। एक नजर में खड़ग सिंह को सुलतान आकर्षित लग जाता है, सुल्तान था ही इतना प्यारा। उसने बाबा भारती से सुल्तान के बारे में पूछा। बाबा भारती ने भी बड़े गर्व के साथ अपने सुल्तान के गुणों को सुनाने लगे। जाते जाते खड़ग सिंह बाबा भारती से कहता है कि ये घोड़ा तो मैं लेकर ही रहूगा। बाबा भारती डर जाते है और घोड़े की निगरानी तेज कर देते है।


एक दिन बाबा भारती अपने सुल्तान के संग कहीं जा रहे थे। अचानक रास्ते में उन्हें एक दिव्यांग मिलता है। वो बाबा भारती से आगे के सफर के लिए मदद मांगता है। बाबा भारती एक संत आदमी मदद से पीछे कैसे हट जाते? वो तुरंत नीचे उतर कर दिव्यांग को उठा कर सुल्तान पे बैठा दिया। सुल्तान पे बैठते ही उसने सुल्तान की लगाम थामी और हवा की तरह सुल्तान को भगा ले गया। वो दिव्यांग और कोई नही डाकू सुल्तान सिंह ही था। बाबा भारती ने बहुत कोशिश की मगर वो खड़ग सिंह को नही रोक पाए। आखिर में बाबा भारती ने पीछे से उसे चिल्ला कर कहा "खड़ग सिंह इस घटना का जिक्र किसी से मत करना, नही तो लोग जरूरतमंद की मदद करना बंद कर देंगे।"


ये बात डाकू के दिल मे बैठ गयी। दिन रात बस यही शब्द उसके कानो में गूंजने लगें। आखिर में उतने सुल्तान को लौटाने का निर्णय लिया और रात के अंधेरे में सुल्तान को बाबा भारती के कुटिया के सामने बांद के चले गया। सुबह जब बाबा भारती ने सुल्तान को अपनी आँखों के सामने देखा तो खुशी के मारे वो फुट फुट लगे और सुल्तान को गले से लगा लिए। 


लेकिन, ये कहानी आज ही क्यों? शायद आप समझ गए होंगे। आज हम सबके सामने भी बिल्कुल यही कहानी है, बस पात्र अलग है। बाबा भारती के शब्दों ने खड़ग सिंह का ह्रदय परिभर्तन तो कर दिया मगर आज क्या?


एक यूटुबर को क्या जरूरत की कोई किस हालात में है। लेकीन उसने देखा कि एक बुजुर्ग बाबा का ढाबा चला रहा है और आर्थिक परेशानी से जूझ रहा है। बंदे ने एक वीडियो बनाई और लोगो से विनती कि की आप सब बाबा के ढाबे पे आकर भोजन कीजिए और इन दंपति की मदद कीजिए। रातों रात वीडियो वायरल होती है। अगले दिन बाबा का ढाबा के सामने हुजूम आ जाता है। एक रात में बाबा की जिंदगी बदल जाती है। अतः सब अच्छा होता है। लोगो ने इंसानियत देखी, किस्मत बदलते देखा। देश को एक नई रहा मिली, मदद की रहा, मतलब जब हो पाए लोगो की मदद करे। लेकिन अचानक एक खबर आती है कि उसी बाबा ने उसी यूटुबर पर केस कर दिया। कुछ फण्ड का मामला है। कुछ दिन पहले बाबा रो रहा था तब यूटूबर ने उसे नई जिंदगी दी, आज बाबा ने केस किया तो बन्दा रो रहा है। वक़्त बड़ी जल्दी बदल जाता है ना? खैर कौन सही है और कौन गलत वो तो पता चल ही जाएगा। लेकिन एक सवाल उठता है जो लोगो मे कुछ मदद की भावना आयी थी वो क्या रह पाएगी? क्या अब मदद करते वक़्त लोगो के दिल मे ये घटना नही आएगी? क्या अब कोई निडर होकर मदद कर पाएगा? सवाल तो बहुत है मग़र जवाब नही है! मैं बस इतना बोलूंगा अगर आप सही है तो एक दिन ये बात सबको पता चलेगी ही।


नीतीश कुमार

Nitish Kumar


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