Tuesday, July 7, 2020

लॉकडाउन में प्रकृति की सुंदरता।

Beauty of nature in lockdown
River Yamuna in Delhi during Lockdown

इंसानो को जब से घरों में बैठाया है!


इंसानो को जब से घरों में बैठाया है,
तुम देखो तो कितना बदलाव आया है।

हर प्राणी देखो तो अब शुद्ध सांस ले पाया है,
कार्बन कम ऑक्सिजन को ज्यादा पाया है।
लॉकडाउन ने देखो तो प्रदूषण को घटाया है,
जहरीली हवाओ को अब हमने विलुप्त पाया है।।

परिंदों ने देखो अब खुला आसमां पाया है,
कितने सालो बाद हमने उन्हें चहकता पाया है।
लॉकडाउन हमारे लिए एक संदेश लाया है,
पर्यावरण का असली रूप हमारे सामने लाया है।।

इंसानो को जब से घरों में बैठाया है,
तुम देखो तो कितना बदलाव आया है।

नदियों में देखो कितना निर्मल पानी आया है,
कितने सालो बाद फिर गंगा में अमृत आया है।
लॉकडाउन ने बर्षो की समस्या को सुलझाया है,
गंगा जल को फिर से अब पीने लायक बनाया है।।

दिल्ली के आसमां में देखो तो दो इन्द्रधनुष नजर आया है,
गंदा नाला बानी यमुना में हमे फिर से जल नजर आया है।
लॉकडाउन में गाड़ी से भरी सड़को को हमने सुनसान पाया है,
उन सड़को पर अब हमने पक्षियों को बैठते और पानी पीते पाया है।।

इंसानो को जब से घरों में बैठाया है,
तुम देखो तो कितना बदलाव आया है।

चारों और देखो तो क्या खूब सन्नाटा छाया है,
प्रकृति की मधुर आवाजों को हमने कानों में पाया है।
लॉकडाउन ने हमे पर्यावरण से मिलवाया है,
सफेद आसमां अब नीला अंबर में बदल आया है।।

चांदनी रात में देखो तो फिर तारों का समुंदर नजर आया है,
बारिश की बूंदों में हमने फिर मिट्टी की खुशबू को पाया है।
लॉकडाउन पर्यावरण के लिए एक वरदान बन आया है,
पीढ़ियों बाद हमने फिर प्रकृति को जीवित होते पाया है।।

इंसानो को जब से घरों में बैठाया है,
तुम देखो तो कितना बदलाव आया है।

Nitish Kumar

नीतीश कुमार



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