वो भी क्या दिन थे |
वो भी क्या दिन थे जब हम साथ रह करते थे,
तेरी छोटी सी खुशी को भी हम बड़ी में कन्वर्ट किया करते थे।
वो भी क्या दिन थे जब हम साथ रह करते थे।।
साथ बैठना, साथ खाना और साथ रोया करते थे,
तेरी हर छोटी सी खुशी के लिए लड़ा करते थे।
तेरे साथ किसी और का होना बहुत चिड़ा करते थे,
वो भी क्या दिन थे जब हम साथ रह करते थे।।
ना अब वो तो वापस आएंगे ना ही तेरी वो बातें,
बस एक तेरी सारी मेमोरी के सहारे जिया करते थे।
तेरा होना बहुत मायने रखता था,
जब तेरे को देख के जिया करते थे,
वो भी क्या दिन थे जब हम साथ रह करते थे।।
आज भी किसी और के साथ देखकर बुरा तो लगता है,
जब वक्त ही बदल गया तो फिर तेरे से बदलने का क्या उम्मीद किया करते थे।
वो भी क्या दिन थे जब हम साथ रह करते थे।।
तेरे साथ रहने के लिए विश मंगा करते थे,
जब दोस्त ही अपने नही रहे तो बाकियों से क्या उम्मीद किया करते थे।
तेरे साथ हर एक दिन नया सा लगता था,
पर यू नही सोचा था की एक दिन तू ही पूरा नया हो जाएगा।
वो भी क्या दिन थे जब हम साथ रह करते थे।।