Saturday, October 3, 2020

सवाल पूछिए।

पूछिए सवाल
Ask Questions!

Today, I am trying to highlight such a serious topic. But before starting, it is also very important to clarify that it is written not to hurt someone's feelings but to give a message to the society.


कुछ दिन पहले लॉकडाउन में महाभारत देखी थी। उसमे द्रौपदी का चीर हरण का एक दृश्य आता है। मैंने इसके बारे में बहुत बार पहले सुना था, मगर कभी ये दृश्य या महाभारत नही देखी थी। हमेशा सोचा करता था कि उस जमाने मे भी भगवान श्री कृष्ण के अलावा ऐसा कोई नही था जो ये अनर्थ होने से रोकता। और सबसे बड़ा सवाल ऐसा हुआ ही क्यों? इसका जवाब मुझे महाभारत देखने के बाद मिला। जरा याद करिए वो सीन, एक कुल वधू वो भी ऐसे राज घराने की जिसके बारे में जितना बताया जाए कम है। उसे सभा गृह में बालों से खींच कर लाया जाता है। जिस सभा गृह में पितामह भीष्म, महाराज धृतराष्ट्र, गुरुवर द्रोणाचार्य, गुरुवर कृपाचार्य और महात्मा विदुर जैसे  विराट व्यक्तित्व के नाजाने कितने आदरणीय और सम्माननीय लोग उपस्थित थे। अगर आप इन सभी को नही जानते मतलब आपने महाभारत नही देखी। कभी फुर्सत से देखना वक़्त लगेगा मगर जरूर देखना। हर किरदार आपको कुछ सीख देगा जो शायद आपको और कोई ना दे पाए। आपने लॉकडाउन में महाभारत और रामायण ना देख कर बहुत बड़ी गलती की, एक सुनहरा मौका मिला था जिसे अपने हाथ से जाने दिया। मुझे खुद देखने के बाद अफसोस हुआ कि मैंने इसे देखने मे इतना वक़्त क्यों लगा दिया, बहुत पहले देख लेना चाहिए था। खैर, सवाल उठता है कि इस चीर हरण में गलती किसकी थी? द्रोपदी की? जो इन सब से अनजान अपने पांचाल देश को अपने प्रिय माता पिता को छोड़ हस्तिनापुर राजघराने की बहू के रूप में आयी थी। बड़े आदर-सम्मान के साथ उस परिवार में आयी थी, जिस परिवार के सामने उसे वो सब सहना पड़ा जिसे सुन कर ही रूह कांप जाए। पांडवो की? कौरवो की? या उस सभा गृह में उपस्थित प्रशिक्षित लोगो की? पूछिए ये सवाल अपने आप से अपने इतिहास से की किसकी गलती थी। मेरी नजर में ये गलती थी सभा गृह में बैठे महान लोगो की जो हस्तिनापुर जितना विराट राज्य तो बर्षो से चला रहे थे, मगर उस दिन किसी के जुबान पर एक भी सवाल नही आए कि "ये क्यों हो रहा है?", "ये ठीक नही हो रहा"। मैं ये नही कहा रहा कि कौरवो की गलती नही थी, जिन्होंने अपनी माँ समान भाभी के साथ ये हरकत की। कौरवो से ज्यादा तो सिर झुकाए वहां बैठे धर्मराज युधिष्ठिर और उनके भाइयो की थी जिन्होंने अपने अहंकार में एक स्वंतत्र स्त्री के आत्मसम्मान को दो कौड़ी के खेल में दांव पर लगा दिया। ये अधिकार उन्हें किसने दिया? यही संस्कार मिले थे उन्हें? लेकिन सबसे बड़ी गलती थी वहां बैठे और लोगो की। क्यों किसी ने इसका विरोध नही किया? सवाल नही किया? किसी ने भी एक शब्द अपनी जुबान से क्यों नही बोला? मुझे ख़ुशी हुई कि वहां एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने खड़े होकर महाराज धृतराष्ट्र से सवाल किया "सिंहासन के प्रति मेरी पूरी निष्ठा है, मैं आपका आदर करता हूं लेकिन मैं ये सवाल जरूर करुगा की महाराज! ये हो क्या रहा है"। मैं सम्मान करता हूं ऐसी इंसानियत रखने वाले विदुर जी का। मैं सम्मान करता हूं विकर्ण जी का, जो थे तो कौरव लेकिन उस दिन उन्होंने इसका खुल कर विरोध किया था। मैं सममान करता हूं द्रौपदी को, जिनकी वाणी और सवालो ने पूरे भवन को हिला दिया था।

द्रौपदी के लिए तो कुरुक्षेत्र में महाभारत हो गयी थी। मगर आज क्या?

अफसोस द्वापरयुग जैसा विदुर कलयुग में ना के बराबर है। हम सब को विदुर बनना पड़ेगा। सत्ता में बैठे लोगों से सवाल करना पड़ेगा कि ये हो क्या रहा है? हमें सवाल पूछना पड़ेगा BJP से, BJP के प्रभक्ताओ से, BJP के नेताओ से कि क्यों महाराष्ट्र के किसी विषय को इतनी गंभीरता से लिया जाता है? राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ कि किसी घटना पर चिंता होती है और न्याय मांगते है। लेकिन वैसी ही घटना उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, बिहार जैसे राज्यो पर चुप्पी साध लेते है। क्यों आपके प्रदेश के किसी घटना पर न्याय दिलाना आपका काम नही है? सिर्फ न्याय मांगना ही आपका काम है? हमे सवाल पूछना चाहिए कांग्रेस से, क्यों उत्तर प्रदेश के एक घटना पर आपको इतनी फिक्र है मगर आपके महाराष्ट्र में क्या हो रहा है आपको उसकी खबर नही? हमे सवाल पूछना चाहिए हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से कि जो वादे अपने किये थे वो वादे कहाँ गए? हमे सवाल पूछना चाहिए योगी आदित्यनाथ जी से कि जिन मुद्दों से परेशान हो कर आपको जीताया, ये सोच कर की अब तो हमारी कोई सुनेगा। लेकिन 3 साल बाद भी रोजाना आपके द्वार पर कोई इंसाफ के लिए हाथ फैला कर खड़ा क्यों हो जाता है? हमें सवाल पूछना चाहिए राहुल गांधी जी और सोनिया गांधी जी से कि आपकी सत्ता में 2 साल तक क्यों गुनहगारों को तारीख पर तारीख मिलती रही? हमे सवाल पूछना चाहिए अरविंद केजरीवाल जी से कि क्या सोच कर आपने गुनहगार को सिलाई मशीन दी थी? संसद में बैठी महिलाओं से सवाल पूछना चाहिए कि क्यों कुछ चुने हुए मुद्दों पर ही उनकी ज़ुबान खुलती है? महिला होकर महिला का दर्द भी पार्टी और जगह देख कर समझा जाएगा? बताइए स्मृति ईरानी जी और जया बच्चन जी। सवाल पूछिए अखिलेश यादव जी से, शिवराज सिंह चौहान जी से, उद्धव ठाकरे जी से, पूछिए सवाल हर एक नेता से की क्यों हर मुद्दों को राजनीति की नजरिये से देखा जाता है। क्या हमारे राजनेताओ में इंसानियत मर चुकी है? पार्टी के नेताओं को भी विकर्ण बन कर अपने साथियों से सवाल पूछना चाहिए कि ये क्या हो रहा है? टैग करके पूछिए नेताओ से प्रसाशन से हर एक सवाल। कितने दिन तक चुप रहेंगे, हर 5 साल में हमारे ही द्वार पर मिलेंगे।

हमें सवाल पूछना चाहिए हमारे पत्रकारों से क्यों कुछ मुद्दों पर ही आपके डिबेट चलते है? क्यों खबरें भी अपनी पसंदीदा सरकारों से ही पूछ कर चलाई जाती है? एक सवाल पूछिए अपने आप से क्यों ये हमारे अगल-बगल हो रहा है? हमारे समाज में क्यों हो रहा है? याद रखिए सिर्फ स्टेटस डाल देने से कुछ ठीक नही होने वाला। एक बार सोचिए और पूछिये खुद से एक सवाल कि कितनो को हमने गलत करने पर टोका है? राम राज्य में बहने सुरक्षित नही है बोलने से पहले खुद राम बनना पड़ेगा। 33 करोड़ लोग साथ आए थे तो हमे आजादी मिली थी, तो सोचिए 137 करोड़ लोग जब साथ आएंगे तब क्या-क्या बदल सकता है। मगर हमें हिन्दू-मुस्लिम, मंदिर-मज्जिद, BJP-Congress जैसे विषयों से फुर्सत मिले तब ना।

We are not Supporter, We are Voter!

नितीश कुमार

Nitish Kumar

Follow us on Instagram @hindi__poetry 

Disclaimer: This article is personal view of Nitish Kumar with the help of Kumar Vishwas's video of September 30, 2020 on his official youtube channel, from this we are not supporting and defaming any political leader and political party.

Note: Any action you take upon the information or advertisement you find on this website, is strictly at your own risk.

For any Suggestions/Complaint Mail to Nitish Kumar on nitish212002@gmail.com

For more such type Views, Opinion on social issues, Article, Poems, Love Poems, Motivational Poems, Poems on Social Issues, shayari, love shayari, sad shayari, stories, horror stories, stories in hindi, important article on social issues and a lot of other contents by Nitish Kumar. Do regular visit to this blog.
nitishkealfaaz.blogspot.com

Please don't forget to share among your family, friends and relatives by sharing the link on Social Networking sites like Whatsapp, Instagram, Facebook and Twitter.

Thank you
धन्यवाद