Ukraine vs Russia |
युद्ध जब समाप्त होगा और तुम विजय होगे। तुम इस जहां के सिकंदर बन चुके होगे। तब चारो ओर रणभूमि में बस लाशो का सेलाब होगा। तुम उन लाशो के ढेर पर खड़े होकर जश्न बनाओगे। मगर तुम्हारे जश्न में तुम्हारा साथ देने वाला कोई भी नही होगा। तुम देखोगे कि तुम कितने अकेले हो चुके हो। तुम तड़पोगे अपने जीत के किस्से सुनाने के लिए। तुम्हारे पास अब सब कुछ होगा मगर तुम्हारे जीत के किस्से सुनने के लिए एक जोड़ी कान भी तुम्हारे नसीब में नही रहेगा। क्योंकि ये लाशें तो ना ही सुन सकती और ना ही तुम्हारी जीत देख सकती है।
मैं चाहता हूं बंजर जमीन पर योद्ध लड़ा जाए। योद्धाओं के हाथ मे हथियार की जगह बीज और फावड़े दिए जाएं। इंसानो पर हथियार चलाने की जगह बंजर जमीन पर पूरी ताकत से फावड़ा चलाया जाए और बीज रोपा जाए। जो सबसे ज्यादा गुलाब उगयायेगा वो विजेता घोषित किया जाएगा। जीत किसी की भी हो ये दुनिया खुशबू सुंगेगी, लाशो की बदबू तो वैसे ही बहुत सुंग ली है।
नितीश कुमार
Nitish Kumar
कौन शासन से कहेगा, कौन समझेगा
एक चिड़िया इन धमाकों से सिहरती है
-दुष्यंत कुमार
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Nitish Kumar
(Nitish Ke Alfaaz)
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